आदेश के पहले ही दिन नहीं चलीं बसें, यात्री परेशान

सरकार ने कहा बस चलाओ ऑपरेटर्स बोले मांगे पूरी करो, उज्जैन संभाग की 3 हजार बसें खड़ी रही

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजोरा ने कल एक आदेश जारी किया। सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए उक्त आदेश में कहा गया कि प्रदेश में पूर्ण क्षमता के साथ यात्री बसों के संचालन की अनुमति दी जाती है। इधर प्रदेशभर सहित उज्जैन संभाग की 3000 बसें आज खड़ी रही। ऑपरेटर्स का कहना था कि पहले हमारी मांगे पूरी करो,फिर चलाएंगे बस।

आज अनेक लोग इस आशा के साथ नानाखेड़ा बस स्टेण्ड सहित विभिन्न स्टैडों पर पहुंचे कि बस चालू हो गई है,अत: गंतव्य तक जाएं। लेकिन बस स्टैण्डों पर पहुंचकर वे निराश हुए। बसों के चक्के थमे थे और मौके पर खड़े लोगों द्वारा कहा गया कि अभी बस वालों की हड़ताल है। मांगे पूरी होने तक बसें नहीं चलेगी। लोग पुन: अपने घरों को रवाना हो गए। –

 

यह कहना है बस ऑपरेटर्स का

बस ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि शुक्ला के अनुसार संभाग में 3000 गाडिय़ां है जो अंतर जिला चलती है। बसों का संचालन इसलिए प्रारंभ नहीं किया क्योंकि सरकार हमारी मांगों का निराकरण नहीं कर रही है। हमारी मांग है कि अप्रेल माह से अभी तक का टैक्स माफ किया जाए। इसीप्रकार यात्री किराया बढ़ाया जाए। उदाहरण दिया कि डीजल के प्रति लीटर भाव 15 रू. से अधिक बढ़ गए हैं। ऐसे में उज्जैन से इंदौर के बीच का किराया 54 रू. पुराता नहीं है। किराया 80 से 90 रू. प्रति सवारी किया जाए। चूंकि बसें खड़ी है,ऐसे में इसका ऋण/टेक्स/मैंटेनेंस आदि भी उन्हे ही भरना है। केवल 54 रू. प्रति सवारी के हिसाब से घाटा नहीं उठाया जा सकता। सरकार यदि टेक्स माफ भी कर देती है तो भी किराया तो बढ़ाना ही होगा। पूरी क्षमता से बस चलाने का आदेश है लेकिन लोग कोरोना के भय से बैठेंगे नहीं।

 

यह हाल है अभी

कल तक राज्य शासन के प्रतिबंध के कारण प्रदेशभर में अंतर जिला बसें बंद थी। चंूकि प्रायवेट बसों का ही संचालन प्रदेश में हो रहा है,ऐसे में कल शाम को राज्य शासन द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद भी बस ऑपरेटर्स ने बसों का संचालन आज से प्रारंभ नहीं किया। लोग आज भी दो पहिया एव ंचार पहिया वाहनों से शहर के समीपस्थ जिलों में आते-जाते रहे। इनका कहना था कि सरकार ने यदि आदेश जारी किए हैं,तो बसें भी चलवाना चाहिए। पहले सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा था और अब बस ऑपरेटर्स ने अपनी मांगों के कारण चक्के जाम कर दिए हैं। आम आदमी को दोनों तरफ से परेशानी झेलना पड़ रही है।

 

शर्तों के अनुसार 50 बसों का संचालन एक से दो हफ्ते के बीच प्रारंभ होगा

 

अभी तो हमने सूचना ही नहीं दी : आरटीओ

शासन के आदेश के बाद भी बसों के चक्के जाम रहने के चलते चर्चा करने पर आरटीओ संतोष मालवीय ने कहा कि कल रात्रि में आदेश जारी हुए हैं। आज दोप. कार्यालय प्रारंभ होने के बाद हम नोटिस चस्पा करेंगे कि बस ऑपरेटर्स अपनी बसों को निर्धारित मार्गों पर चलाएं। जब वे बस नहीं चलाएंगे तो शासन को सूचित करेंगे। फिर जैसा आदेश शासन का आएगा, वह करेंगे।

 

अधिग्रहण के आदेश हुए तो हम चलाएंगे

इस प्रश्न पर कि क्या बसों को अधिग्रहित करके चला सकते हैं? उन्होने कहा कि यह आदेश शासन स्तर पर जारी हुए है, अत: आगे का निर्णय भी शासन को करना है। यदि वहां से आदेश आएगा कि अधिग्रहित करके चलाओ, हम उसका पालन करेंगे और बसों का अधिग्रहण करके संचालन शुरू कर देंगे। लेकिन ऐसा आदेश प्रदेशस्तर पर जारी होगा।

 

दो सप्ताह रूको…नगर निगम चलाएगा बसें

निगम द्वारा अंतर जिला और जिले के अंदर 30 बसों का संचालन किया जाता था। शहर में 20 सिटी बसें चलाई जाती थी। पूर्व ऑपरेटर का अनुबंध समाप्त होने के बाद बसें डिपो में खड़ी है। इस संबंध में प्रभारी पवन से चर्चा करने पर उन्होंने बताया बसों का संचालन करने के लिए तीसरी बार टेंडर जारी हुए थे। कल ही टेंडर ओपन हुए हंै। केवल एक टेंडर आया है। इसकी बीट खोली जाना है। इसके बाद तय शर्तों के अनुसार 50 बसों का संचालन एक से दो हफ्ते के बीच प्रारंभ होगा। चूंकि बसें डिपो में खड़ी है। ऐसे में उनका मैंटेनेंस करने के बाद नए ऑपरेटर को सौपी जाएगी। यह टेंडर की शर्त में शामिल है।

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